25 करोड़ तक का खर्चा आएगा हिमाचल प्रदेश पंचायती चुनाव में, आदर्श आचार संहिता की धारा 12.1 की गई लागू
पंचायती चुनाव में हिमाचल प्रदेश के चुनाव में 25 करोड़ तक का खर्चा आ सकता है इस बजट के तहत इसमें सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी सरकारी मशीनरी और पेपर छपाई और कर्मचारियों के टीए–डीए में यह राशि खर्च होगी क्योंकि जो सरकारी कर्मचारी होते हैं चुनाव के खत्म होने तक आयोग के पास डेपुटेशन पर रहते हैं जब चुनावी प्रक्रिया खत्म होती है तभी यह वापस अपने विभाग में लौटते हैं तब तक सारा खर्चा चुनाव आयोग करता है
चुनाव आयोग का कहना है की सबसे ज्यादा ड्युटिया जो होती है वह शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की लगती है क्योंकि सबसे ज्यादा पोलिंग स्टेशन जो होते हैं वह स्कूल में ही होते हैं और इसके साथ पुलिस और होमगार्ड रहते हैं और इन सब कर्मचारियों के खाने-पीने का खर्च आयोग उठाता है और और यह सारा पैसा राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है और यह सारा कार्य आयोग पंचायती राज के 5 साल के खत्म होने से 4 महीने पहले ही शुरू कर देता है इसके हिसाब से आयोग अब हिमाचल प्रदेश में चुनाव करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है सिर्फ उसे रोस्टर का इंतजार है
हिमाचल प्रदेश में आदर्श आचार संहिता की धारा 12.1 लागू
राज्य सरकार द्वारा पंचायत के चुनाव में बदलाव पर रोक को लेकर आयोग की तरफ से पंचायती राज विभाग के लिए जवाब तैयार किया जा रहा है चुनाव आयोग ने सीधे तौर पर कहा है कि जब विभाग की ओर से संवाद शुरू हुआ है तो इसका जवाब लिखित में ही दिया जाएगा और वहीं पर विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र में लिखकर कहा है कि पंचायत के चुनाव की सीमा बदलने का अधिकार राज्य सरकार को है और वहीं पर हिमाचल प्रदेश के चुनाव आयोग ने 17 नवंबर को अधिसूचना जारी की और आदर्श आचार संहिता की धारा 12.1 लागू कर दी थी लेकिन वहीं पर पंचायती राज विभाग ने इसे हटाने का आग्रह भी किया है लेकिन विभाग की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि पंचायत की प्रक्रिया पूरी होने तक पंचायत वार्डों की सीमा संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है चुनाव आयोग का मानना है कि हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं की चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है लगभग और बैलट पेपर तक छाप चुके हैं यहां तक की मतदाता सूचियां भी तैयार हो चुकी है अब बस रोस्टर का इंतजार है और अगर वार्डों का फिर से पुनर्गठन किया जाता है तो इसमें समय लगेगा

